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Listen out podcasts on issues that matter!
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In this episode, Safina narrates bitter-sweet experiences of reporting within one's own community and listening to women who are so rarely heard by anyone, let alone the mainstream media. Having found her feet in freelance journalism without giving in to the temptations of sensational breaking news, she states how free she feels when she is not bound by the editorial processes and policies of the newsroom.
Safina Nabi is a full-time, independent multimedia journalist from South Asia based in Kashmir. She writes about gender, health, human rights, social justice, development, and the environment. She won the Fetisov Journalism Award and Laadli Media Award in 2023 for her year-long investigation about the property rights of “Half widows” from different parts of Kashmir which raised important questions about the rights of women and the role of government, society, and legal structures when it comes to women and their rights to property in disturbed regions.
10 years ago, F-Rating was created to help classify films which are written or directed by one or more female film-makers, or feature complex female characters who contribute significantly to the story. But what if ‘feminist’ is not a noun but an adjective? What if the feminist lens lends itself to all practices and not only film-making? Nirantar Radio brings to you ‘F-Rated Interviews’ where The Third Eye team speaks to different practitioners about their practice - but with a feminist lens.
New episode every fortnight.
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Produced by: Juhi Jotwani and Madhuri Adwani
Artwork: Tavisha Singh
एपिसोड 05 सफ़ीना नबी: स्वतंत्र पत्रकारिता की धुन में रमीं
F-रेटेड इंटरव्यूह में आगे बढ़ते हुए हम पहुंच चुके हैं अपने पांचवें एपिसोड में जहां इस बार हमारे साथ हैं एक ऐसी पत्रकार जो कभी किसी न्यूज़रूम या एडिटोरियल मीटिंग का हिस्सा नहीं रही. उनके लिए स्वतंत्र पत्रकारिता ही वो रास्ता है जिसके ज़रिए वो अपनी बात अपने दम पर रख सकती हैं. आइए इस एपिसोड में मिलते हैं सफ़ीना नबी, जो कश्मीर में अपने लोगों के बीच पत्रकारिता करने के अपने अनुभवों और उसकी चुनौतियों के बारे में खुलकर हमसे बात कर रही हैं.
सफ़ीना नबी, दक्षिण एशियाई मल्टी-मीडिया स्वतंत्र पत्रकार हैं. वे कश्मीर में रहती हैं और जेंडर, स्वास्थ्य, मानवाधिकार, सामाजिक न्याय, विकास और पर्यावरण के विषयों पर लिखती हैं. कश्मीर के विभिन्न इलाकों में “आधी विधवाओं” के संपत्ति अधिकारों के बारे में प्रकाशित प्रकाशित उनका लंबा लेख बहुत चर्चित हुआ था। इसके लिए उन्हें 2023 का फेटिसोव पत्रकारिता पुरस्कार और लाडली मीडिया पुरस्कार भी प्राप्त हुआ. एक साल की लंबी खोजी पत्रकारिता पर आधारित इस लेख ने अशांत क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं के संपत्ति के अधिकारों, और सरकार, समाज एवं कानूनी संरचनाओं की उसमें भूमिका के बारे में महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं.
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अक्टूबर 2014 में आयोजित बाथ फिल्म फेस्टिवल के दौरान पहली बार एफ (F) रेटिंग की शुरुआत हुई. एफ (F) रेटिंग का मतलब उन फिल्मों से है जिसकी निर्देशक महिला हों, या फिल्म की लेखक महिला हों और अगर कोई महिला मुख्य किरदार की भूमिका में है तो फिर वह कहलाता है गोल्ड रेटिंग, मतलब ट्रिपल एफ (F)! दरअसल, एफ (F) रेटिंग की बुनियाद फिल्मों में और पूरी फिल्म उद्योग में महिलाओं के लिए बराबरी के दर्जे से है.
कल्पना कीजिए एक ऐसी दुनिया जहां नारीवादी नज़रिया सिर्फ फिल्मों में ही नहीं बल्कि सभी प्रथाओं में केंद्रीय भूमिका में हो? इस कल्पना को साकार करते हुए आज हम इस नारीवादी नज़रिए को पॉडकास्ट के बरास्ते आपके पास लेकर आए हैं. इस शो में आप मिलेंगे अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले अभ्यासकर्ताओं से और नारीवादी नज़र को केंद्र में रखते हुए द थर्ड आई टीम के साथ होंगी रोचक, शानदार, जानदार बातें.
द थर्ड आई अपराध संस्करण को यहां देखें: https://thethirdeyehindi.in/volume/ank-005-apraadh/
हिंदी और अंग्रज़ी में हमारी वेबसाईट का पता: https://thethirdeyehindi.in/ और https://thethirdeyeportal.in/
निर्माता : जूही जोतवानी और माधुरी आडवाणी
कवर इमेज : तविशा सिंह
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August 25, 2022
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