Suno India
Listen out podcasts on issues that matter!
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In the second “Hostel Diary”, Vikas recounts pursuing a crush during his time in Jodhpur with a bittersweetness that can only be afforded by young desire. Although he desperately wants to maintain his “good boy” image, the thrills of Hike Messaging and secret rendezvous might just be too tempting to resist.
“फ se Field, श se Shiksha” is a series of 10 audio stories coming from the lived experiences and imaginations of education in rural India. How do we look at education outside classrooms? More importantly, who gets access to education at all? We explore all this and more, as members of our Learning Lab team take us along on their journeys of shiksha. In this episode, Vikas tries to unravel how he learnt what he cannot desire within the hostel.
Narrated and written by Vikas Khatri
Produced by Juhi Jotwani
Title track written by Arun Gupta and performed by Vedi.
Instrumental track by Shabnam Virmani.
We would like to thank the Aahvaan Project for giving us permission to use their song “Na Dekh Aankhon Se” by Arun Gupta as our title track and Shabnam Virmani for lending us the notes of her musical instrument. For their valuable time and feedback, we would like to thank Lakshmi from Chambal Media; and Anita and Prarthana from Nirantar.
Stay tuned for new stories every Monday and Wednesday.
Email us at thethirdeyeteam@gmail.com and tell us about your education journey and the experiences of education these stories reminded you of.
'ये इश्क नहीं आसां इतना ही समझ लीजे, इक आग का दरिया है और डूब के जाना है'. इश्क मजाज़ी, इश्क मजनूंई कुछ भी कह लिजिए, पर जब चाहतें फ्रेंड रिक्वेस्ट की शक्ल में भेजी जाती हैं और कबूल कर ली जाती हैं तो दिल अपनी कुर्सी से उछल पड़ता है. लेकिन, इस बेपरवाही से उछलने में चोट लगने का डर तो होता ही है! विकास के हॉस्टल डायरी के पन्नों से सुनिए जोधपुर के किस्से जहां एक तरफ हाईक मेसेंजर में इमोजी के ज़रिए इश्क का हाल बताने की बेताबी है तो दूसरी तरफ परिवार-समाज में "अच्छा लड़के" की छवि को बनाए रखने की कशमकश. इस हालत में विकास क्या करे! सुनिए खुद उसकी ज़ुबानी.
भारत के ग्रामीण इलाकों से निकले, शिक्षा के अनुभव और उनमें कल्पनाओं के पंख लगाए 10 कहानियों की यह ऑडियो शृंखला अब आपके सामने है. इस शृंखला की हर कहानी अपने आप में शिक्षा के अनुभवों और उन्हें देखने के नज़रिए से बिलकुल जुदा है. ये कहानियां सवाल करती हैं कि क्लासरूम के बाहर हम शिक्षा को कैसे देखते हैं? और उससे भी महत्त्वपूर्ण कि शिक्षा तक पहुंच किसकी है?
लेखक एवं प्रस्तोता - विकास खत्री
रेडियो प्रोड्यूसर - जुही जोतवानी
संगीत साभार – शबनम विरमानी
टाइटल गीत लेखक – अरूण गुप्ता
टाइटल संगीत गायन - वेदी
एपिसोड संगीत – शबनम विरमानी
साथ ही हम आह्वान प्रोजेक्ट के भी आभारी हैं जिन्होंने हमें अपने गीत “ना देख आंखों से” (लेखक - अरुण गुप्ता, संगीत - शबनम विरमानी) के शुरुआती बोल एवं उसके संगीत को ऑडियो कहानियों में इस्तेमाल करने की इजाज़त दी है. हम चंबल मीडिया से जुड़ी लक्ष्मी और निरंतर संस्था से जुड़ी अनिता और प्रार्थना को भी तहे दिल से धन्यवाद कहना चाहते हैं जिन्होंने अपनी व्यस्तता के बावजूद कहानियों को सुनकर उनपर अपनी प्रतिक्रिया हमसे साझा की.
हफ्ते में दो दिन - सोमवार और बुधवार - को नई कहानी सुनने के लिए हमारे साथ जुड़े रहें.
अपने शिक्षा के अनुभव साझा करने के लिए आप हमे हमारे ईमेल आईडी पर लिख सकते है : thethirdeyeteam@gmail.com
--- Send in a voice message: https://anchor.fm/nirantar-trust93/message
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Robert Fox
August 25, 2022
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August 25, 2022
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