Suno India
Listen out podcasts on issues that matter!
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As Vikas walks from his own Khatri Hostel to the Oswal Hostel for high-speed movie downloads using a newly installed Jio tower, he observes how caste, class and gender divide access to spaces in the city, offline and online.
“फ se Field, श se Shiksha” is a series of 10 audio stories coming from the lived experiences and imaginations of education in rural India. How do we look at education outside classrooms? More importantly, who gets access to education at all? We explore all this and more, as members of our Learning Lab team take us along on their journeys of shiksha. In this episode, Vikas moves across the landscape of his memories and experiences in the boys' hostel of Jodhpur.
Narrated and written by Vikas Khatri
Produced by Juhi Jotwani
Title track written by Arun Gupta and performed by Vedi.
Instrumental track by Shabnam Virmani.
We would like to thank the Aahvaan Project for giving us permission to use their song “Na Dekh Aankhon Se” by Arun Gupta as our title track and Shabnam Virmani for lending us the notes of her musical instrument.
For their valuable time and feedback, we would like to thank Lakshmi from Chambal Media; and Anita and Prarthana from Nirantar.
Stay tuned for new stories every Monday and Wednesday.
Email us at thethirdeyeteam@gmail.com and tell us about your education journey and the experiences of education these stories reminded you of.
राजस्थान के जोधपुर जिले, एक छोटे से कस्बे में एक शाम विकास अपने खत्री होस्टल से निकलकर ओसवाल होस्टल की तरफ बढ़ा जा रहा था. ओसवाल होस्टल के पास जियो का नया टावर लगा है जहां इंटरनेट की स्पीड बहुत तेज होती है. विकास वहां फ़िल्में डाउनलोड करने जा रहा है. समानांतर उसके दिमाग में कुछ सवाल भी डाउनलोड हो रहे थे. जैसे, किस तरह जेंडर, जाति और वर्ग से तय होता है कि किसे क्या सुविधाएं मिलेंगी? लड़की है तो वो होस्टल में रहकर नहीं पढ़ सकती. खत्री लड़का, खत्रियों के होस्टल में रहेगा जहां उसे जाति आधारित बहुत सारी सुविधाएं भी मिलेंगी लेकिन वहीं किसी नीची समझी जाने वाली जाति के लड़के के लिए ये सुविधाएं नहीं है...क्यों? विकास जानता है कि ये बंटवारा सिर्फ़ ज़मीन पर नहीं है बल्कि ऑनलाइन की दुनिया तक किसकी पहुंच है ये भी जाति, वर्ग और जेंडर से ही तय होता है. ऐसे और भी बहुत सारे सवाल सुनिए विकास की डायरी के कुछ पन्ने, खुद उसकी ज़ुबानी.
भारत के ग्रामीण इलाकों से निकले, शिक्षा के अनुभव और उनमें कल्पनाओं के पंख लगाए 10 कहानियों की यह ऑडियो शृंखला अब आपके सामने है. इस शृंखला की हर कहानी अपने आप में शिक्षा के अनुभवों और उन्हें देखने के नज़रिए से बिलकुल जुदा है. ये कहानियां सवाल करती हैं कि क्लासरूम के बाहर हम शिक्षा को कैसे देखते हैं? और उससे भी महत्त्वपूर्ण कि शिक्षा तक पहुंच किसकी है?
लेखक एवं प्रस्तोता - विकास खत्री
रेडियो प्रोड्यूसर - जुही जोतवानी
संगीत साभार – शबनम विरमानी
टाइटल गीत लेखक – अरूण गुप्ता
टाइटल संगीत गायन - वेदी
एपिसोड संगीत – शबनम विरमानी
साथ ही हम आह्वान प्रोजेक्ट के भी आभारी हैं जिन्होंने हमें अपने गीत “ना देख आंखों से” (लेखक - अरुण गुप्ता, संगीत - शबनम विरमानी) के शुरुआती बोल एवं उसके संगीत को ऑडियो कहानियों में इस्तेमाल करने की इजाज़त दी है.
हम चंबल मीडिया से जुड़ी लक्ष्मी और निरंतर संस्था से जुड़ी अनिता और प्रार्थना को भी तहे दिल से धन्यवाद कहना चाहते हैं जिन्होंने अपनी व्यस्तता के बावजूद कहानियों को सुनकर उनपर अपनी प्रतिक्रिया हमसे साझा की.
हफ्ते में दो दिन - सोमवार और बुधवार - को नई कहानी सुनने के लिए हमारे साथ जुड़े रहें.
अपने शिक्षा के अनुभव साझा करने के लिए आप हमे हमारे ईमेल आईडी पर लिख सकते है : thethirdeyeteam@gmail.com
--- Send in a voice message: https://anchor.fm/nirantar-trust93/message
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Robert Fox
August 25, 2022
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August 25, 2022
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